राजस्थान - एक परिचय

राजस्थान

राजस्थान हमारे देश का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य हैं, जो हमारे देश के उत्तर-पश्चिम मे स्थित है। यह भू-भाग प्रागैतिहासिक काल से लेकर आज तक कई मानव सभ्यताओ के विकास एवं पतन की स्थली रहा है। यहाँ पूरा-पाषाण युग, कांस्य युगीन सिंधु सभ्यता की प्राचीन बस्तियाँ, वैदिक सभ्यता एवं ताम्रयुगीन सभ्यताएँ खूब फली फूली थी। छठी शताब्दी के बाद राजस्थानी भू-भाग मे राजपुत राज्यो का उदय प्रारम्भ हुआ। जो धीरे धीरे सम्पूर्ण क्षेत्र मे अलग-अलग रियासतो के रूप मे विस्तृत हो गयी। ये रियासते राजपूत राजाओ के अधीन थी। राजपूत राजाओ की प्रधानता के कारण कालांतर मे इस सम्पूर्ण क्षेत्र को 'राजपूताना'कहा जाने लगा। वाल्मीकि  ने राजस्थान प्रदेश को 'मरुकांतार' कहा है।

            राजस्थान शब्द का प्राचीनतम प्रयोग 'राजस्थानीयादित्य' वी.स. 682 मे उत्कीर्ण वसंतगढ़ (सिरोही) के शिलालेख मे उपलब्ध हुआ है। उसके बाद मुहणौत नैन्सी के ख्यात व रजरूपक में राजस्थानशब्द का प्रयोग हुआ है। परंतु इस भू-भाग के लिए राजपूताना शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम 1800 ई. मे जॉर्ज थॉमस द्वारा किया गया था। कर्नल जेम्स टोड (पश्चिमी एवं मध्य भारत के राजपूत राज्यो के पॉलिटिकल एजेंट) ने इस राज्य को 'रायथान' कहा, क्योंकि स्थानीय साहित्य एवं बोलचाल मे राजाओ के निवास कोरायथान कहते थे। उन्होने 1829 ई. मे लिखित अपनी प्रसिद्ध ऐतिहासिक पुस्तक 'Annals & Antiquities of Rajas'than' or Central and Western Rajpoot States of India) मे सर्वप्रथम इस भौगोलिक प्रदेश के लिए 'Rajas'than' शब्द प्रयुक्त किया। स्वतन्त्रता के पश्चात 26 जनवरी 1950 को औपचारिक रूप से इस प्रदेश का नाम 'राजस्थान' स्वीकार किया गया।

                स्वतन्त्रता के समय राजस्थान 19 देसी रियासतो, 3 ठिकाने- कुशलगढ़, लावा व नीमरानातथा चीफ कमिश्नर द्वारा प्रशाषित अजमेर-मेरवाड़ा प्रदेश मे विभक्त था। स्वतंत्रता के बाद अजमेर-मेरवाड़ा के प्रथम एवं एकमात्र मुख्यमंत्री श्री हरिभाऊ उपाध्याय  थे। राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप मे1 नवम्बर, 1956 को आया। इससे पूर्व राजस्थान निर्माण निम्न चरणों से गुजरा -

  राजस्थान निर्माण के विभिन्न चरण 
चरणनामतिथिशामिल होने वाली रियासते
1- प्रथम चरणमतस्य संघ18 मार्च, 1948अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली रियासत व नीमराना ठिकाना
2- द्वितीय चरणपूर्व राजस्थान संघ25 मार्च, 1948बांसवाड़ा, बूंदी, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़, टोंक,किशनगढ़ तथा शाहपुरा रियासतें व कुशलगढ़ ठिकाना।
प्रदेश के नाम मे 'राजस्थान' शब्द पहली बार जुड़ा।
3- तृतीय चरणसंयुक्त राजस्थान18 अप्रैल, 1948राजस्थान संघ मे उदयपुर रियासत मिली।
4- चतुर्थ चरण वृहत राजस्थान30 मार्च, 1949संयुक्त राजस्थान + जयपुर, जोधपुर व जैसलमर।
राजस्थान का गठन इसी तिथि को माना जाता है । यह दिन प्रतिवर्ष राजस्थान दिवस  के रूप मे मनाया जाता है। 7 अप्रैल 1949 को राजस्थान के प्रथम प्रधानमंत्री (बाद मे मुख्यमंत्री) श्री हीरालाल शास्त्री बने।
5- पंचम चरणसंयुक्त वृहत्तर राजस्थान15 मई, 1949वृहत राजस्थान व मतस्य संघ का विलय हुआ।
6- छ्ठा चरणराजस्थान (संघ)26 जनवरी, 1950संयुक्त वृहत्तर राजस्थान मे सिरोही (आबू व दिलवाड़ा तहसील को छोडकर) रियासत का विलय हुआ।26 जनवरी, 1950 को देश का संविधान लागू होने पर इस राज्य को विधिवत रूप से राजस्थाननाम दिया गया।
7- सप्तम चरण(वर्तमान स्वरूप में) राजस्थान 1 नवंबर, 1956 राजस्थान संघ+अजमेर-मेरवाड़ा+आबू, दिलवाड़ा तहसील व मध्य प्रदेश का सुनेल टप्पा 
राज्य के सिरोंज क्षेत्र को मध्यप्रदेश मे मिलाया गया।

  राजस्थान के प्राचीन नगरो के वर्तमान नाम  
प्राचीन नामवर्तमान नामप्राचीन नामवर्तमान नाम
अजयमेरुअजमेरआलौरअलवर
कोंकण तीर्थपुष्करकांठलप्रतापगढ़
श्रीपंथबयानामाँड़जैसलमर
सत्यपुरसाँचोरताम्रवती नागरीआहड़
विराटबैराठखिज्राबादचित्तौड़गढ़ 
अहिछत्रपुरनागौरभटनेरहनुमानगढ़
कोठीधौलपुरगोपालपालकरौली
माध्यमिकानगरीजयनगरजयपुर
उपकेश पट्टनऔंसियाश्रीमालभीनमाल
ब्रिजनगरझालरपाटनरामनगरगंगानगर

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